Sunday, 1 February 2015

Ho Gayi Bhor - हो गयी भोर

बदल रहा जमाना
देखो भड़ने लगा प्रगति की ओर

गली मोहलो  हर जगह
मच रहा ख़ुशी का शोर

मिली मेहनत को सफलता
हर कोई कह रहा दिल मांगे मोर

नफरत का देखो हो रहा विनाश
पिघल गए दिल थे जो कठोर

मुस्कान है चेहरों पे
जुड़ रही दिल से  दिल की डोर

लेके  नया सवेरा उग रहा सूरज
हट गया अंधकार देखो हो गयी भोर 

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