हम जब दुनिया में आये थे
संग अपने कितनी खुशिया लाये थे
माता पिता के चेहरों पे
मुस्कान बनके छाए थे
माँ ने रात गुजारी थी जाग के
लोरियों ने चार चाँद लगाए थे
पिता साथ थे हर कदम पे
ज़िन्दगी के सबक सिखाये थे
आज हो गए हम जब बड़े
क्यों उनको सबक सिखाते है
क्यों ममता और प्यार को भूल के
उनसे दूर हो जाते है
संग अपने कितनी खुशिया लाये थे
माता पिता के चेहरों पे
मुस्कान बनके छाए थे
माँ ने रात गुजारी थी जाग के
लोरियों ने चार चाँद लगाए थे
पिता साथ थे हर कदम पे
ज़िन्दगी के सबक सिखाये थे
आज हो गए हम जब बड़े
क्यों उनको सबक सिखाते है
क्यों ममता और प्यार को भूल के
उनसे दूर हो जाते है
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