Saturday, 3 January 2015

खरीदारी

शर्मा जी मिले करते हुए खरीदारी
देख के उनको ... खुली रह गयी आँखें हमारी

हाथ में झोला... झोले में भिन्डी तरकारी
लगा जैसे खरीद ली हो सब्जिया सारी

दूसरे हाथ की तरफ पड़ी जब नजर हमारी
चौंक गए हम देख के झोला भारी

पूछा हमने शर्मा जी क्या खरीद ली दुकान सारी
हंस के बोले वो क्या करू दुकान पे थी सेल भारी

लाया हूँ खरीद के तीन साड़ी
पहन के मुस्कराएँगी भाभी तुम्हारी

बोले शर्मा जी जाओ तुम भी करलो थोड़ी खरीदारी
ले लो जाके सेल में दो चार ड्रेसेस प्यारी

हमने कहा शर्मा जी आपकी जैसी किस्मत नहीं हमारी
जेब में है पैसा पर लोन है हम पे भारी

चलता हूँ घर वेट करती है धर्मपत्नी प्यारी
आप जारी रखिये अपनी खरीदारी ......


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