नहीं बढ़ा सकते मान देश का
तो करो इतना की न करो अपमान
तुम्हारा लालच देखो कैसे
ले रहा कितने मासूमो की जान
समय न गवाओ व्यर्थ कामो में
न करो खुद की मेहनत का अपमान
आग लगाने से कब किसी का हुआ भला
इतना तो समझो तुम सब नादान
करना है तो करो मदद गरीब की
ऊपर वाले का भी है यही फरमान
जो जिया दुसरो की खुशिओं के लिए
वाही कहलाता है दुनिया में सच्चा इंसान
-Poem By Peeyush