कभी देखो खुद को हमारी भी नज़र से
कर बैठोगे मोहब्त तुम खुद से
न समझो कर रहे है हम मजाक तुम से
ख़ूबसूरती की मिसाल है सिर्फ तुमसे
चाँद ने भी देखा है तुमको जबसे
छुपा बैठा है बादलो के पीछे वो तबसे
तुम्हारी काली झुल्फो के साये से
बादल भी है थोड़े घबराये से
गिरा रही हो बिजलिया आसमानो से
धा रही हो सितम बन गए है सब दीवाने से
कोई जाके जरा पुछलो उन बेचारो से
मुस्कुराते है वो सिर्फ तुम्हारे फ़सानो से
न हो यकीन तो पूछो मेरे अरमानो से
हो गए है वो मुझसे ही बेगाने से
जाके पूछो अपने आईने से
जो कहता है खुद को किस्मतवाला सारे जहाँ से
- Poem By Peeyush
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