किस्मत का है खेल प्यारे ....
किस्मत से ना खेल ……
आ जाए अपनी पे तो ……
जाने कितनो को कर देती है फैल …
किस्मत को जो कोसे ……
निकल जाता है उसका तेल .......
होता है जीवन में सफल वही ....
जो करता किस्मत का मेहनत से मेल ……
-Poem by Peeyush
-Poem by Peeyush
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